भगवंता सिंह के द्वारा आयोजित सबसे महान आयोजनों में से एक, शौर्य सम्मान

भगवंता सिंह के द्वारा आयोजित सबसे महान आयोजनों में से एक, शौर्य सम्मान

भारत के इतिहास में 26 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन कारगिल युद्ध के शहीद भारतीय सेना के जवानों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों से कारगिल के युद्ध में वीरता से लड़ा था। कारगिल विजय दिवस को "भगवंता सिंह और दैनिक जागरण के द्वारा शौर्य सम्मान" कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना के वीर जवानों को सम्मान देना है। हम ने इस आयोजन के दौरान शहीद सैनिकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया।

कारगिल विजय दिवस हमें हमारे वीर जवानों की साहसपूर्ण और बलिदान भरी कड़ी मेहनत की स्मृति याद दिलाती है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने अपने जीवन को न्योछावर करके देश के लिए लड़ते हुए विजय की प्राप्ति की थी। इस दिन को याद करके हम उनके साहस और समर्पण के प्रति आभार व्यक्त करते हैं

इस वर्ष "भगवंता सिंह और दैनिक जागरण शौर्य सम्मान" कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टेनेंट जनरल नितिन कोहली थे, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट भाषण से हमें गर्वित महसूस कराया। उन्होंने वीर भारतीय सेना के जवानों की शौर्यगाथाओं को सुनाया,। उनके शब्दों में वीरता और देशभक्ति की भावना थी, जो हमें भारतीय सेना में जाने के लिए प्रेरित करती है।

कारगिल विजय दिवस के इस आयोजन में हमने शहीद सैनिकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया, और वे समारोह के दौरान अपने परिवार के वीर जवानों को याद करते हुए भावुक हो गए। उनका उपस्थित होना इस आयोजन को और भी भावनात्मक बना दिया, और हमने उनके संघर्ष और बलिदान की महत्वपूर्ण भूमिका को महसूस किया।

कारगिल विजय दिवस के दौरान हमें याद आता है कि हमारे सैनिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं । ये दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि कैसे  हमें अपने सैनिकों के साथ होने वाले संघर्षों का समर्थन देना हमारा दायित्व है।

इस समारोह के दौरान वीर भारतीय सेना के शहीदों को याद करते हुए  हमारे दिलों में गर्व और समर्पण की भावना थी। हम उनके बलिदान की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हैं और उनके परिवारों के साथ हमारी गहरी सहानुभूति है।

कारगिल विजय दिवस का यह दिन, हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने वीर सैनिकों के साथ खड़ा रहना चाहिए। हमें उनके समर्पण, शौर्य, और बलिदान का सम्मान करना चाहिए, यह हमारा परम कर्तव्य है।

इस कारगिल विजय दिवस पर हम सभी भारतीयों को एक साथ आकर अपने शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालो के साथ खड़े होकर उनका सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए।

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